
कोरोना के हल्के लक्षणों वालों के लिए लूपिन ने भारत में अपनी दवा लांच करने की घोषणा की है। इससे पहले कई दवा कंपनियां कोरोना के लिए अपनी दवाएं लांच कर चुकी हैं। कंपनी की दवा का नाम फेविपिराविर (Anti Viral Drug Favipiravir) है। जिसकी एक टैबलेट की कीमत भारत में 49 रुपये रखी गई है।
अपनी रेग्युलेटरी फाइलिंग में कंपनी ने कहा कि उसे फेविपिराविर के आपातकालीन उपयोग के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से मंजूरी मिल गई है। कंपनी के अनुसार, फेविपिराविर को 200 मिलीग्राम प्रति टैबलेट लांच किया जाएगा। 10 गोलियों की पट्टी के रूप में यह उपलब्ध होगा और इसकी कीमत 49 रुपये प्रति टैबलेट होगी।
कंपनी के मुताबिक उसकी दवा को हल्के से मध्यम कोरोना वायरस के मरीजों के उपचार के लिए ठीक माना गया है। दरअसल कंपनी इससे पहले टीबी की दवा को लेकर काफी काम कर चुकी है। लिहाजा इस तरह के तेज़ी से फैलने वाले संक्रमण को लेकर भी वो दवा बनाने में लगे हुए थे। कंपनी के रीजन फॉर्म्यूलेशन (आईआरएफ) के अध्यक्ष राजीव सिब्बल ने कहा कि कंपनी को ट्यूबरक्लोसिस जैसे तेजी से फैलने वाले संक्रमण रोगों के लिए दवा का अनुभव है।
इससे पहले 4 अगस्त को सन फामास्युटिकल इंडस्ट्रीज ने फेविपिराविर को ‘फ्लूगार्ड’ के नाम से बाजार में उतारा है। भारत में फेविपिराविर का यह अब तक का सबसे सस्ता वर्जन है। सन फार्मा ने अपनी एक टैबलेट की कीमत 35 रुपये रखी है। सन फार्मा की तरफ से कहा गया कि भारत में प्रतिदिन 50,000 से अधिक कोविड-19 के मामले सामने आ रहे हैं। उनके उपचार के लिए चिकित्सकों को अधिक विकल्प उपलब्ध कराने की तत्काल आवश्यकता है। सन फार्मा दुनिया की चौथी सबसे बड़ी जेनेरिक और भारत की शीर्ष दवा कंपनी है।