15 सितंबर से चलेगी दिल्ली मेट्रो, हर कोई नहीं कर पाएगा यात्रा
कोरोना लॉकडाउन के चलते 150 दिन से बंद मेट्रो 15 सितंबर से शुरू चलना हो जाएगी। हालांकि इसका आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है।
इनको ही यात्रा करने की होगी इजाजत
शुरूआत में सिर्फ सरकारी इमरजेंसी सेवा व स्वास्थ्य कर्मी आदि कुछ अन्य जरूरी विभागों और क्षेत्रों में काम करने वाले यात्रियों को ही यात्रा करने की छूट मिलेगी। जिससे मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ जमा न हो। सूत्रों की माने तो शुरूआती एक सप्ताह में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों को ही यात्रा करने का मौका दिया जाए। उसके बाद एक सप्ताह बाद उसका समीक्षा होगी। अगर सब ठीक चल रहा तो उसे बाकी लोगों के लिए ही शुरू किया जाएगा।
बुखार हुआ तो वापस
यात्री के अंदर कोरोना के किसी भी तरह के लक्षण (सर्दी, जुखाम, बुखार) ना हो, अगर हुआ तो उसे वापस लौटा दिया जाएगा।
नहीं मिलेगा टोकन
मोबाइल में आरोग्य सेतू ऐप अनिवार्य होगा। स्मार्ट कार्ड रखने वाले यात्री ही सफर कर पाएंगे, यानि टोकन नहीं मिलेगा। टोकन लेने वाले सभी काउंटर व टिकट वेंडिग मशीन बंद रहेंगे।
एक कोच में 50 लोग ही कर पाएंगे सफर
मेट्रो स्टेशन पर भीड़ ना हो, इसके लिए स्टेशन के कुछ ही प्रवेश व निकास एक्जिट गेट खोले जाएंगे। जिससे सभी की ठीक से जांच की जा सके। इसके अलावा मेट्रो की सीट में दो यात्रियों के बीच एक सीट खाली रहेगी। एक कोच में अधिकतम 50 लोग सफर कर पाएंगे। सभी को मास्क लगाना अनिवार्य होगा।
30 सेकेंड अधिक रूकेगी मेट्रो
धक्का-मुक्की रोकने और जल्दबाजी खत्म करने के लिए मेट्रो ट्रेन पर स्टेशन पहले की तुलना में 30 सेकेंड अधिक समय के लिए रूकेगी। जिससे वहां ट्रेन में चढ़ने व उतरने के लिए काफी समय मिले। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। कोच में सीमित संख्या में लोग चढ़े उतरे उसका ख्याल रखा जाएगा।
जल्द से जल्द मेट्रो चलाना मजबूरी
मेट्रो को रोजाना 10 करोड़ रूपये का नुकसान हो रहा है। अब तक मेट्रो को 1500 करोड़ के राजस्व का नुकसान हो चुका है। उसी का नतीजा है कि अब उसके पास जापानी कंपनी से लिए गए लोन चुकाने का भी पैसा नहीं है। मेट्रो ने अगस्त से अपने कर्मियों की सैलरी में मिलने वाले भत्ते भी 50 फीसदी कम कर दिया है। सूत्रों का कहना है कि मेट्रो को अब तमाम सावधानियों के साथ जल्द से जल्द चलाना मजबूरी है।
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