
MP Nikay Chunav: केन्द्र और मध्य प्रदेश की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी का चाल, चरित्र और चेहरा बदल रहा है। क्योंकि बीजेपी ने अब मुस्लिमों को साधना शुरू कर दिया है। इसे बीजेपी की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है। क्योंकि मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में बीजेपी के 25 मुस्लिम प्रत्याशियों ने कांग्रेस को हराया है। जबकि वह पहले चुनाव में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारने से परहेज करती है। कई चुनावों में एक भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया गया है, जिसको लेकर सवाल भी खड़े हो गए हैं।
हालांकि, मध्य प्रदेश के नगर निकाय चुनावों में बीजेपी अपने रंग से अलग नजर आई। इस चुनाव में बीजेपी ने पार्षद उम्मीदवार के तौर पर 380 मुस्लिमों को मैदान में उतारा था। हालांकि, उनमें से केवल 92 ही चुनाव जीत सके। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसमें से बीजेपी के मुस्लिम उम्मीदवारों ने 25 जगहों पर कांग्रेस के हिंदू उम्मीदवारों को हराया है। वहीं कांग्रेस ने इस बार 450 मुस्लिमों को पार्षद का टिकट दिया था, जिनमें से 344 ने जीत दर्ज की है।
बीजेपी ने 380 प्रत्याशियों को दिया था टिकट
मध्य प्रदेश में अब तक हुए छह शहरी निकाय चुनावों में यह पहला मौका था जब भाजपा ने मुस्लिम उम्मीदवारों से परहेज नहीं किया और 6671 पार्षदों में से 380 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा।
ये हैं आंकड़ें
मध्य प्रदेश निकाय चुनावों में, भाजपा ने 380 मुस्लिम उम्मीदवारों को पार्षद टिकट दिया, जिनमें से 92 ने जीत हासिल की। वहीं, 209 निकायों में मुस्लिम उम्मीदवार हारे, लेकिन दूसरे नंबर पर बने रहे, दो भी निर्विरोध रहे।
एक दर्जन नगर पालिकाएं और नगर परिषदें भाजपा द्वारा जीती गई हैं जहां जीतने वाले मुस्लिम पार्षद शहर की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका में दिखाई देंगे।
25 जगहों पर भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों ने कांग्रेस के हिंदू उम्मीदवारों को हराया। हालांकि मुस्लिम उम्मीदवार 209 निकायों में हार गए, लेकिन दूसरे नंबर पर बने रहे।
अनूपपुर में भाजपा के अब्दुल कलाम ने कांग्रेस के अशोक त्रिपाठी को हराया। कटनी में मोहम्मद अयाज ने कांग्रेस के मोहनलाल को हराया। उज्जैन में बीजेपी उम्मीदवार आबिदा ने कांग्रेस की वैशाली को हराया।
छतरपुर में अकरम खान और अनीशा खान निर्विरोध जीते। जबकि ग्वालियर, खंडवा, देवास, नर्मदापुरम। नरसिंहपुर में दो-दो उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
वहीं, बीजेपी ने राजधानी भोपाल, इंदौर और जबलपुर में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट नहीं दिया। हालांकि, कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी ने बहुत कम उम्मीदवार नहीं उतारे।
कांग्रेस की बात करें तो इस चुनाव में उसने 450 मुस्लिमों को टिकट देकर मैदान में उतारा था। इसमें से 344 उम्मीदवारों ने जीत भी दर्ज की है।
कांग्रेस ने 2014 के मुकाबले इस बार ज्यादा मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। 2014 में कांग्रेस ने करीब 400 मुस्लिम उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था।
वहीं, नगर अध्यक्ष व नगर उपाध्यक्ष चुनने में भाजपा के विजयी मलमल पार्षदों की भूमिका अहम होगी। इस बारे में सभी की निगाहें इन पार्षदों पर टिकी हुई हैं।
बता दें कि 2014 में हुए नगर निगम चुनाव में करीब 60.41 फीसदी वोट पड़े थे। वहीं इस बार यह 1.66 फीसदी कम रहा। मतलब इस बार कुल मतदान प्रतिशत 60.05 रहा।
वहीं, 1.66 प्रतिशत कम मतदान के कारण नगर निगम की 7 सीटें भाजपा के हाथों से चली गईं। इसमें 5 पर कांग्रेस, एक पर आम आदमी पार्टी और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते।
वर्ष 2014 में मध्य प्रदेश के नगर निगम चुनावों में भाजपा ने 98 नगर पालिकाओं में से 54 पर जीत हासिल की थी। वहीं, इस बार 76 में से 65 नगर पालिकाओं ने जीत दर्ज की है।