
Muslim Appeasement: पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी राज में जमकर मुस्लिम तुष्टिकरण चल रहा है। राज्य में मुस्लिमों की गुंडागर्दी चरम है। हर जगह पर हिंदूओं को निशाना बनाया जा रहा है। ऐसा ही मामला राज्य के दक्षिण दिनाजपुर जिले में आ रहा है। जहां मुस्लिमों लोगों ने एक छात्रा को डांटने पर एक महिला शिक्षक को निर्वस्त्र कर पीटा और उसका यौन शोषण किया। यह घटना पश्चिम बंगाल के दक्षिण दिनाजपुर जिले के हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र हाई स्कूल की शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, गुरुवार को हिली थाना क्षेत्र के त्रिमोहिनी प्रताप चंद्र उच्च विद्यालय में एक छात्रा को महिला शिक्षिका ने डांट दिया। इसके एक दिन बाद शुक्रवार दोपहर को छात्रा के परिजन अचानक स्कूल में घुस आए। इन लोगों ने हेडमास्टर के सामने मामले की शिकायत की। आरोप है कि इस दौरान कुछ लोगों ने कथित तौर पर शिक्षक के कमरे में घुसकर एक महिला टीचर को निर्वस्त्र कर उसके साथ मारपीट की और अश्लील हरकत की। बताया जा रहा है कि 9वीं कक्षा का मुस्लिम है।
चार लोग गिरफ्तार
घटना की सूचना मिलते ही तत्काल बड़ी संख्या में पुलिस बल स्कूल पहुंचा और मामले को शांत कराया। वहीं, घटना को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है। घटना के विरोध में शनिवार को स्थानीय लोगों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया। इस मामले की शिकायत स्कूल प्रबंधन ने हिली थाने में दर्ज कराई थी। रविवार को पुलिस ने शिक्षक के साथ मारपीट करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
बीजेपी ने आंदोलन की चेतावनी
रविवार को भाजपा सांसद और प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने क्षेत्र का दौरा कर लोगों से मुलाकात की। उन्होंने महिला शिक्षक के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस मामले को लेकर बीजेपी की यूथ विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष और वकील तरुणज्योति तिवारी ने ट्वीट किया है. बताया जा रहा है कि नौवीं कक्षा की छात्रा ने हिजाब पहना हुआ था। कथित तौर पर शिक्षक ने उन्हें कक्षा में भाग लेने की अनुमति नहीं दी।
विरोध के बाद पुलिस ने लिखी रिपोर्ट
बीजेपी सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा, ‘मैं भी एक शिक्षक था। कई छात्रों को डांट भी पड़ी है। शिक्षिका ने एक छात्रा को डांटा तो नतीजा यह हुआ कि उसके परिवार सहित दो सौ अन्य लोगों ने स्कूल पर हमला कर दिया। मुझे आश्चर्य है कि स्कूल के हेडमास्टर ने एफआईआर दर्ज नहीं कराई। डिडिमोनी पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने की हिम्मत नहीं की। अगले दिन जब स्थानीय लोगों ने विरोध किया और सड़क जाम कर दिया, तो पुलिस ने 35 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।