
भारत में कोरोना वायरस अपना स्वरूप बदल रहा है। भारतीय वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर संक्रमण कम इम्युनिटी वाले लोगो में फैला तो इससे मौतों के बढ़ने की आशंका है। लिहाजा इम्युनिटी पर ध्यान रखना सबसे जरूरी है। रिसर्च के मुताबिक कोरोना में 20B स्ट्रेन के कारण संक्रमण की दर तेजी से बढ़ रही है। हैदराबाद की सेंटर फॉर डीएनए फिइंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नोटिक के रिसर्च के मुताबिक एसिम्प्टोमैटिक मरीजों में वायरस लोड अधिक पाया गया है। अगर ये संक्रमण कम इम्युनिटी वाले मरीजों में फैलता है तो इससे मौतों की संख्या में बढ़ोतरी होना तय है। करीब 200 लोगों पर की गई रिसर्च में पाया गया कि भले ही इम्युनिटी ज्य़ादा होने के कारण एसिम्प्टोमैटिक मरीजों में कोरोना के लक्ष्ण ना दिखें लेकिर ये संक्रमण कम इम्युनिटी वाले व्यक्ति में चला जाएगा तो इससे उसकी जान को ख़तरा हो सकता है। लिहाजा संक्रमण को फैलने से रोकना ही बेहतर उपाए है। इस रिसर्च में कोरोना मरीजों के ब्लड के सैंपल लेकर वायरस के जीनोम की सिक्वेंसिंग भी गई गई। इसमें एक बड़ा खुलासा ये भी हुआ कि वायरस में तेज़ी से म्युटेशन हुआ है। भारत में जहां मई में 20B क्लेड स्ट्रेन का वायरस लोगों में 100 प्रतिशत था वो अब घटकर 80 प्रतिशत तक रह गया है। इस वायरस ने अपने प्रोटीन स्पाइक में बदलाव किया है। इससे वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। फिलहाल भारत में प्रतिदिन 70 हज़ार से ज्य़ादा कोरोना वायरस के मरीज आ रहे हैं। कल तो 24 घंटे में कोरोना संक्रमितों की संख्या ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। जब 90 हज़ार कोरोना संक्रमित सामने आए थे। इसी वजह से ये रिसर्च महत्वपूर्ण भी है। 200 लोगों पर की गई इस रिसर्च में 15 से 62 साल के लोगों को शामिल किया गया। इसमें 61 प्रतिशत पुरूष और 38 प्रतिशत महिलाएं थीं।