
कोरोना के चलते बच्चों की परेशानियों को देखते हुए अब बच्चे उनके माता पिता को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग फ्री कांउसलिंग उपलब्ध कराएगा। पिछले करीब छह महीनों से कोरोना और लॉकडाउन की वजह से बच्चों के दिलो दिमाग पर काफी नकारात्मक असर पड़ा है। कई बच्चों को कोरोना के कारण आइसोलेशन सेंटर में लंबा वक्त बिताना पड़ा है। उनके मन पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। ऐसे में बाल आयोग ऐसे बच्चों को अब फ्री काउंसलिंग कराने जा रहा है।
आयोग के चेयरमैन प्रियंक कानूनगो के मुताबिक पिछले छह महीने बच्चों के बड़े ही परेशानी वाले रहे हैं। कई बच्चों को कोरोना हुआ और उन्हें आइसोलेशन सेंटर में कई दिन अकेले में बिताने पड़े जहां ना उनके माता पिता साथ थे और ना ही उनके दोस्त उनके पास थे। कई मामलों में हमने देखा कि बच्चों के माता या पिता कोरोना की वजह से नहीं रहे। उनको भी सहारे की जरूरत होती है। ऐसे में उनके दिलो दिमाग पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। बच्चे सहम जाते हैं। ऐसी बातों को उनके मन से बाहर निकालना बहुत जरूरी है। इसको देखते हुए हमने ये संवेदना सुविधा शुरू की है। जिसमें कोई भी टोल फ्री नंबर पर फोन करके हमारे काउंसलर से संपर्क कर बात कर सकता है।
दरअसल आई-कैन, नेशनल इंस्ट्टीट्यूट ऑफ मेंटल न्यूरो साइंस, न्यू इंडिया जंक्शन के साथ मिलकर बाल आयोग ने ये टोल फ्री सुविधा शुरू की है। शुरूआती चरण में ये सविधा सोमवार से शनिवार सुबह 10 से 1 बजे तक और शाम 3 से 8 बजे तक उपलब्ध होगी। बस बेहतर मेंटल काउंसलिंग के लिए टोल फ्री नंबर-18001212830 को डायल करना होगा।