Noida Supertech Twin Towers Demolition : हम बहुत डर गए थे मगर हमारे घर सुरक्षित और बिल्कुल साफ मिले

Noida Supertech Twin Towers Demolition : हम बहुत डर गए थे मगर हमारे घर सुरक्षित और बिल्कुल साफ मिले
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Peace is back in nearby societies : नोएडा की एमराल्ड (Emrald court society) कोर्ट सोसाइटी में सुकून फिर लौट आया है। ये सोसाइटी रविवार (Sunday) दोपहर 2.30 बजे गिराए गए 100 मीटर ऊंचे ट्विन टावर (Twin tower) से सिर्फ 9 मीटर दूर है। टावर गिरने की तारीख तय होने के बाद से ही यहां के लोग डरे हुए थे। दूसरे लोग जब डिमोलिशन के वीडियो में धूल का गुबार देख रहे थे, तब ये उसमें अपना घर तलाश रहे थे।

धूल का गुबार ऐसा था कि लगा आसपास (nearby) की सोसाइटियों (societies) को रहने लायक बनाने में काफी वक्त लगेगा। यहां के लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ेगी, लेकिन डिमोलिशन (demolition) के 6 घंटे के अंदर ही वे अपने घर लौट आए।

शुक्रवार सुबह TheEkhabar की टीम एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी (Emrald court society) पहुंची और डिमोलिशन साइट को करीब से देखा। यहां पहले जैसी चहल-पहल है। सभी एक बार टूटे टावर का मलबा देखना चाहते हैं।

एक कंकड़ तक नहीं घुसा ट्विन टावर के ठीक सामने के घर में
कंधे पर लैपटॉप बैग टांगे अभिजीत जैन (abhijeet jain) बेटे के साथ सोसाइटी से बाहर आते मिले। उनका बेटा भी स्कूल ड्रेस में बैग टांगे हुए है। अभिजीत अपनी बिल्डिंग में लौटने वाले शुरुआती परिवारों में से हैं। वे बताते हैं कि हम रविवार (Sunday) रात में ही वापस आ गए थे। बिल्डिंग गिरने का वीडियो देखा तो मन में बहुत डर था कि कहीं हमारे टावर को नुकसान तो नहीं होगा ।कही मलबा हमारे घर में न घुस गया हो।

​अभिजीत बताते हैं कि घर में कोई टूट-फूट न हो गई हो, यही सोचते हुए हमारा परिवार अंदर घुसा । देखा कि घर बिलकुल सुरक्षित है। अंदर एक कंकड़ भी नहीं था। हम छठे फ्लोर पर रहते हैं। तीसरी-चौथी मंजिल तक धूल आई है।​​​​​ टावर गिराने की प्रोसेस उम्मीद से कई गुना बेहतर हुई है। हमने टावर गिराए जाने की वजह से एक-दो दिन की छुट्टी लेने की प्लानिंग की थी, इसकी जरूरत नहीं पड़ी।

जिसका डर था वो नहीं हुआ
आरती कोपुला एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में रेसिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन की मेंबर भी हैं। हमने सुबह उन्हें फोन किया। तब तक उनके पति जा चुके थे। आरती के पति सर्जन हैं। वे कहती हैं कि हमारी सोसाइटी के एस्टर-2 और एस्टर-3 टावर ट्विन टावर के सबसे करीब थे। हमें इनमें रहने वालों की ज्यादा चिंता थी।

अब तक जो रेसिडेंट अपने घरों में पहुंचे हैं, किसी ने टूट-फूट की शिकायत नहीं की है। सिर्फ कुछ जगह हल्का सा कांच टूटने की फोटो आई है। डिमोलिशन करने वाली कंपनी ने कहा है वह इसकी मरम्मत करके देगी।

आरती ने बताया- हमारी सोसाइटी में वैसा नुकसान नहीं हुआ, जिसका डर था। न ही धूल आई। पेड़-पौधों को भी नुकसान नहीं हुआ। ट्विन टावर के दूसरी तरफ पड़ने वाली सोसाइटी ATS विलेज की बाउंड्री वॉल टूट गई है। कई लोगों ने घर में धूल घुसने के बारे में भी बताया है।

धूल से गले में खराश महसूस हो रही है..

एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी में रहने वाली नमिता बत्रा सुबह होते ही डिमॉलिशन साइट पर ट्विन टावर का मलबा देखने पहुंची। वे बताती हैं कि उनका टावर पीछे की तरफ पड़ता है। धूल की वजह से गले में खराश महसूस हो रही है। इसके अलावा कोई परेशानी नहीं हुई। जिन लोगों ने पहले से घरों में प्लास्टिक या कवर लगा लिया था, उनके यहां तो बिल्कुल धूल नहीं घुसी है। हम भी काम पर निकलने की तैयारी कर रहे हैं।

दिल्ली-NCR जितना पॉल्यूशन हुआ..

सुनील बत्रा ट्विन टावर का मलबा देखने पहुंचे। उन्होंने मास्क लगा रखा था। वे बताते हैं कि ब्लास्ट के पहले हम सब डरे हुए थे। अब सभी को राहत है। कुछ लोगों ने खिड़की के कांच टूटने की बात कही है। नोएडा अथॉरिटी और जिला प्रशासन ने धूल साफ करवा दी है। पॉल्यूशन की फिक्र थी, लेकिन इतना पॉल्यूशन तो दिल्ली-NCR में अक्सर रहता ही है।

सिक्योरिटी गार्ड ने दिखाई टूटी बाउंड्री वॉल की फोटो
ट्विन टावर वाली जगह के एक तरफ एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी और दूसरी तरफ ATS विलेज सोसाइटी है। रविवार रात को ATS सोसाइटी की बाउंड्री वॉल पर मलबा गिरने के वीडियो सामने आए थे। हम सुबह यहां पहुंचे। सोसाइटी के अंदर एंट्री मना है। हमने सिक्योरिटी गार्ड से बात की। अवधेश नाम के गार्ड ने बताया कि वे नाइट ड्यूटी पर थे और डिमोलिशन साइट की तरफ गए।

उन्होंने मोबाइल से कुछ फोटो भी ली थीं। फोटो में दिख रहा है कि ट्विन टावर के मलबे का बड़ा हिस्सा ATS विलेज सोसाइटी की बाउंड्री वॉल पर गिरा है। सोसाइटी में रहने वाले रेसिडेंट्स ने बताया कि अब तक किसी नुकसान की खबर नहीं है।

ट्विन टावर डिमोलिशन की ये खबरें भी पढें..

1.3700 किलो बारूद से दोनों टावर मलबे में बदले, सुपरटेक को 500 करोड़ का नुकसान

100 मीटर से ज्यादा ऊंचे नोएडा के ट्विन टावर सिर्फ 12 सेकेंड में जमींदोज हो गए। इन्हें गिराने के लिए 3700 किलो बारूद इस्तेमाल किया गया। इन्हें बनाने वाली कंपनी सुपरटेक लिमिटेड ने 500 करोड़ रुपए के नुकसान की बात कही है। कंपनी के चेयरमैन आरके अरोरा ने कहा कि नुकसान में जमीन की खरीद, कंस्ट्रक्शन और ब्याज पर खर्च हुई रकम शामिल है।

2. 9 साल तक कोर्ट में सुनवाई चली, 181 दिन की तैयारी के बाद टावर धूल में मिले
सुपरटेक का एक टावर 29 और दूसरा 32 मंजिला था। भारत में इससे पहले इम्प्लोसिव टेक्नीक से इतना बड़ा डिमोलिशन कभी नहीं हुआ था। इसके लिए 181 दिन तक तैयारी की गई। 350 वर्कर और 10 इंजीनियर इस काम में जुटे रहे। टावर गिराने का काम भारत की एडिफाइस और साउथ अफ्रीका की कंपनी जेट डिमोलिशन को मिला था।

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