पैसेंजर्स को बचाने के लिए आखिरी दम तक कोशिश करते रहे दीपक साठे

पैसेंजर्स को बचाने के लिए आखिरी दम तक कोशिश करते रहे दीपक साठे
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कोझिकोड़ में जो विमान हादसा हुआ है। बेशक उसमें 19 लोगों की मौत हो गई हो, लेकिन जानकारों के मुताबिक जिस तरह की कंडीशन थी उसको देखते हए पाइलट ने विमान को बड़े हादसे से बचा लिया। एयरइंडिया की इस फ्लाइट के इंचार्ज कैप्टन दीपक साठे थे, जोकि इंडियन एयरफोर्स के फाइटर पायलट रहे हैं। उन्हें देश का एक बेहतरीन पाइलट माना जाता था। विंग कमांडर दीपक साठे के कजिन नीलेश साठे ने बताया कि लैंडिंग गेयर खराब होने के बावजूद दीपक ने प्लेन लैंड कराया और हादसे में कम से कम लोग मारे जाएं। इसके लिए आखिरी दम तक कोशिश करते रहें। 

नीलेश ने अपने फेसबुक पोस्ट में बताया कि विमान का लैंडिंग गेयर खराब हो गया था। ऐसे में दीपक ने आसमान में ही विमान के दो चक्कर लगाए ताकि फ्यूल खत्म हो सके। इसके बाद उन्होंने जहाज लैंड कराया तो इंजन बंद कर दिया। ताकि जहाज में आग ना लग सके। अंतिम समय तक भी वो इसी कोशिश में लगे रहे कि कैसे लोगों को बचाया जा सके।  
एविशन इंडस्ट्री के जानकार बताते हैं कि कैप्टन दीपक साठे भारतीय वायु सेना के पूर्व विंग कमांडर थे। उनके पास वायुसेना के सभी फाइटर प्लेन उड़ाने का अनुभव तो था ही साथ ही उन्होंने वायुसेना के प्रतिष्ठित उड़ान परीक्षण संस्थान में भी अपनी सेवाएं दी थी। वो इस संस्थान में देश के सबसे बेहतरीन पाइलट को ही सेवा देने का मौका मिलता है। एयर इंडिया के लिए काम करने वाले दीपक एक जमाने में एयरफोर्स अकेडमी के एक होनहार कैडेट के रूप में जाने जाते थे। दीपक साठे को उनकी काबिलियत के बल पर एयरफोर्स अकेडमी का प्रतिष्ठित ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ सम्मान भी मिल चुका था। एयरफोर्स की नौकरी के बाद दीपक ने एयर इंडिया की कॉमर्शियल सर्विसेज जॉइन कर ली थी। पायलट दीपक साठे के पिता सेना में ब्रिगेडियर थे, वहीं उनके एक भाई करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे। इस हादसे में को-पायलट कैप्टन अखिलेश कुमार की भी मौत हो गई है।

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