
दूरदराज गांवों में नए तरीके से होगी पढ़ाई सरकार ने लिया फैसला, पंचायत और टीचर मिलकर ऑनलाइन शिक्षा की कमी करेंगे दूर
दूरदराज के गांवों में ऑनलाइन की शिक्षा नहीं होने की वजह से अब वहां के छात्रों को पढ़ाई कराने में पंचायतें भी मदद करेगी जिन छात्रों के पास पढ़ाई जारी रखने के लिए स्मार्टफोन लैपटॉप आदि डिजिटल चीजें नहीं है उन तक शिक्षकों द्वारा तैयार नोट पंचायतें पहुंच जाएंगे
एनसीईआरटी विशेषज्ञों द्वारा तैयार नई गाइडलाइन में ऐसी व्यवस्था की गई है। इनमें छात्रों को 3 वर्गों में बांटा गया है। पहले वर्ग के अनुसार जिन छात्रों के पास पढ़ाई के लिए कोई डिजिटल संसाधन नहीं है, उन छात्रों के लिए पंचायत स्वयं सहायता समूह आदि को जोड़ा जाएगा यह समूह इन छात्रों के घरों तक शिक्षकों द्वारा तैयार नोट पहुंचाएंगे।
इसके अलावा सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए सामुदायिक केंद्र के टीवी में दूरदर्शन या किसी अन्य निजी सेवा सर्विस प्रोवाइडर यानी प्रदाता के शिक्षा चैनल से छात्रों को जोड़ा जाएगा। इसमें तय समय पर अलग-अलग क्लास लगाने का प्रावधान किया गया है। यदि किसी पंचायत में टीवी नहीं होगा तो वहां टीवी लगवाया जाएगा।
इसके अलावा ऐसे वर्ग के छोटी कक्षा के छात्रों को कार्यपुस्तिका कार्य शीट यानी वर्कशीट आदि के माध्यम से पढ़ाई कराई जाएगी।
इसके अलावा दूसरे वर्ग में ऐसे छात्र हैं जिनके पास सीमित डिजिटल संसाधन उपलब्ध है यानी उसके पास स्मार्टफोन आदि हैं जबकि तीसरे वर्ग में छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा के लिए सभी डिजिटल संसाधन उपलब्ध हैं।
अब अशिक्षित अभिभावकों को होमवर्क को लेकर बुद्धू बनाना बच्चों के लिए होगा कठिन
दरअसल गाइड लाइन में अशिक्षित अभिभावकों के लिए पहली बार खास प्रावधान किए गए हैं। ऐसे परिवारों को विशेष संकेतों से समझाया जाएगा। इससे उन्हें पता लगता रहेगा कि उनका बच्चा पढ़ रहा है या नहीं।
हर दिन टीचर स्वयं या फिर पंचायत प्रतिनिधि बच्चे की नोटबुक में उसके काम के आधार पर चिन्ह या संकेत बनाएगा इससे अभिभावक को कमियां सुधार की जानकारी मिल सकेगी गाइडलाइन में चार प्रकार के आसान निशान या संकेत भी बताए गए हैं।