
विपक्ष को संसद के मानसून सत्र के पहले दिन ही लज्जित होना पड़ा, जब रक्षा मंत्री और लोकसभा के उप नेता राजनाथ सिंह ने कहा कि जब उन्होंने प्रश्नकाल को स्थगित करने के मुद्दे पर पार्टियों से मंजूरी मांगी थी, तब सभी पार्टियों ने इसे लेकर अपनी सहमति दी थी।
सोमवार को 18 दिन का मानसून सत्र कोविड 19 के दौर में पूरी एहतियात और सावधानियों के साथ शुरू हो गया। विपक्ष इस बात से नाराज था कि प्रश्नकाल मौखिक होने की वजह लिखित में ही लिया जाएगा।
संसद में राजनाथ सिंह ने कहा, “जब संसद कुछ घंटों के लिए चलाया जा रहा है तो हमने गुजारिश की थी कि प्रश्नकाल को स्थगित किया जाना चाहिए। मैं कह रहा हूं कि इसकी जगह आधे घंटे का शून्य काल लिया जाएगा, जिसमें सांसदों को अपने मुद्दे पर बात रखने का मौका मिलेगा, मैं गुजारिश करता हूं और सदस्यों का सहयोग मांगता हूं।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी से इस मुद्दे पर बात की थी और वह इसे लेकर सहमत थे।
सिंह ने कहा यह असाधारण समय है, ज्यादातर राजनीतिक पार्टियां इस इंतजाम से सहमत थी आतारांकित प्रश्न की इजाजत दी जाए अगर कोई जवाब से संतुष्ट नहीं है तो वह शून्यकाल में मुद्दा उठा सकता है
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कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, एआईएमआईएम
का विरोध किया
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोमवार को सदन की कार्यवाही को लेकर प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में प्रश्नकाल और प्राइवेट मेंबर बिल के समय को निलंबित करने की बात कही गई थी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने इसका विरोध किया।
सदन सहमत नहीं: मनीष तिवारी
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने नियम पुस्तिका का हवाला देते हुए कहा कि प्रश्नकाल को तब ही स्थगित किया जा सकता है अगर सदन इस मुद्दे पर सहमत हो लेकिन मौजूदा मामले में सदन सहमत नहीं दिख रहा।
संसद का छिन जाएगा ग्लैमर : टीएमसी
तृणमूल कांग्रेस के सदस्य कल्याण बनर्जी ने कहा कि इस कदम से संसद का महत्व ही छिन जाएगा बनर्जी ने कहा, अभी यही समय सवाल पूछने और मंत्री से जवाब लेने का है, इस कदम से संसद का ग्लैमर ही खत्म हो जाएगा।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रश्नकाल को गोल्डन आवर यानी सुनहरा काल की संज्ञा देते हुए कहा कि मंत्री इसे स्थगित करने का जो कारण बता रहे हैं वह अपने आप में ही समझ से परे है।
उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल ही संसदीय लोकतंत्र की आत्मा है और सरकार लोकतंत्र के पर कतरना चाह रही है। उन्होंने कहा संसद ही चलाने की क्या जरूरत है जब प्रश्नकाल ही की इजाजत नहीं दी जा सकती।
कार्यपालिका को अतिक्रमण की इजाजत नहीं : ओवैसी
एआइएमआइएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी लोकसभा स्पीकर से गुजारिश करते हुए कहा कि कार्यपालिका को विधायिका की शक्तियों का अतिक्रमण करने की इजाजत ना दें। इसके जवाब में संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि सभी विधानसभाओं में भी प्रश्नकाल स्थगित किए गए हैं।
राजस्थान (कांग्रेस सरकार), बंगाल( टीएमसी सरकार) में भी प्रश्नकाल नहीं