
देश के लिए ज्य़ादा से ज्य़ादा ओलंपिक पदक लाने के लिए हरियाणा से तैयारियां शुरू कर दी है। राज्य सरकार ने जहां खिलाड़ियों को ओलंपिक क्वालिफाई करते ही एडवांस के तौर पर पांच लाख रूपये देने की योजना शुरू की है। वही खिलाड़ियों ने भी अपनी ट्रेनिंग शुरू कर दी है। देश को पदक दिलवाने में हरियाणा के खिलाड़ियों का अच्छा ख़ासा रिकॉर्ड है। इसको और बेहतर करने के लिए राज्य सरकार ने ये योजना शुरू की है। राज्य सरकार की योजना का खिलाड़ियों ने स्वागत भी किया है।
दरअसल हरियाणा फौजियों के अलावा देश में सबसे ज्य़ादा खिलाड़ी भी पैदा करता है। इन्हीं खिलाड़ियों ने भारत का नाम विश्व खेल मंच पर कई बार रोशन किया है। अगर आंकड़ों की बात की जाए तो ओलंपिक में भारत ने आज तक 28 पदक जीते हैं। इन 28 पदकों में से 3 पदक हरियाणा के खिलाड़ियों के नाम रहे हैं, जोकि एकल स्पर्धा में खिलाड़ियों ने हासिल किए हैं। देश ने ओलंपिक में सबसे ज्यादा 11 पदक हॉकी में जीते हैं। उसके बाद 5 कुश्ती में, 4 शूटिंग में, दो बैडमिंटन, दो बॉक्सिंग, दो एथलेटिक्स व एक-एक पदक वेट लिफ्टिंग व टेनिस में जीता है। देश में दो प्रतिशत आबादी वाले हरियाणा की ओलंपिक पदकों में 11 प्रतिशत साझेदारी है।
वर्ष 2008 से हरियाणा के खिलाड़ियों ने हर बार ओलंपिक में देश का नाम रोशन किया। 2008 में भारत ने तीन पदक जीते, जिनमें से 1 पदक हरियाणा के नाम रहा। वहीं, 2012 ओलंपिक में छह पदकों में से एक और फिर 2016 में दो पदकों में से एक पदक हरियाणा की साक्षी मलिक ने जीता। हॉकी के अलावा एकल प्रतिस्पर्धा की बात करें तो भारत ने 17 पदक जीते हैं, जिनमें से तीन हरियाणा के नाम रहे हैं।
इसके अलावा ओलंपिक पदक विजेता गगन नारंग, साइना नेहवाल की पारिवारिक पृष्ठभूमि भी हरियाणा की रही है। साइना नेहवाल का जन्म हिसार में हुआ और शुरुआती शिक्षा भी हिसार में ही हुई लेकिन परिवार बाद में हैदराबाद शिफ्ट हो गया। गगन नारंग के पूर्वज भी पानीपत में रहते थे, जोकि बाद में चेन्नई चले गए। इसके साथ ही खिलाड़ियों को विशेष प्रोत्साहन देने की कोशिश राज्य सरकार भी कर रही है। हरियाणा के खेल मंत्री खुद एक ओलंपियन है। इसलिए राज्य के खिलाड़ियों इस बार 2020 ओलंपिक में कुश्ती, बॉक्सिंग, एथलेटिक्स सहित अन्य खेलों में काफी उम्मीदें हैं।