
बीजेपी (BJP) मे संगठन की नई टीम (Team) घोषित होने के बाद अब कैबिनेट विस्तार (Cabinet Expansion) पर सभी की निगाहें टिक गई हैं। हालांकि मोदी सरकार (Modi Government) में पहले भी ऐसे बहुत से मौके आएं हैं जब कैबिनेट एक्सटेंशन की बातें हुई हैं। लेकिन ऐसा हुआ नहीं। कैबिनेट एक्टेंशन के पीछे दो सबसे बड़ी वजह बताई जा रही है। पहला 16 महीनों के बाद अभी तक मंत्रीमंडल में कोई फेरबदल नहीं हुआ है। दूसरा इस दौरान तीन मंत्रियों का स्थान खाली हुआ है। दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है और एक की हाल ही मृत्यु हो गई है। इन तीनों स्थानों को भरने और संगठन की टीम से बाहर हुए कुछ महत्वपूर्ण लोगों को सरकार में जगह देने की बात चल रही है।
बीजेपी के एक बड़े नेता के मुताबिक ये मोदी सरकार है इसमें कुछ भी अंदाजा लगाना मुश्किल है। लेकिन ये साफ दिखता है कि कुछ महत्वपूर्ण नेता है जिन्हें संगठन से बाहर नहीं जाना चाहिए था। अगर वो संगठन से बाहर किए गए हैं और उनके पास कोई दूसरी जिम्मेदारी भी नहीं है तो ये दिखता है कि भविष्य में उन्हें कहीं एडजस्ट किया जाएगा। दूसरी ओर शिवसेना और हाल ही अकाली दल की हरसिमरत कौर के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद दो सीटें ये खाली हुई है। जबकि रेल राज्य मंत्री सुरेश आंगड़ी की मृत्यु के बाद मंत्रीमंडल में तीन स्थान खाली हैं। इसलिए उम्मीद है कि कैबिनेट मेंं फेरबदल के साथ साथ एक्टेंशन हो सकता है। जिन लोगों को बीजेपी संगठन की नई टीम में नहीं रखा गया है। उनमें विनय सहस्त्रबुद्धे, राम माधव, वी मुरलीधर राव, अनिल जैन और सरोज पांडे शामिल हैं।
दूसरी ओर पिछली सरकार में पहला कैबिनेट एक्सटेंशन काफी जल्दी हो गया था। इस बार संगठन में बदलाव के बाद बिहार चुनाव तक का इंतज़ार शायद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे ताकि बिहार चुनाव के नतीजों के हिसाब से कैबिनेट में लोगों को जगह दी जाए।