भारत के पक्ष और चीन के खिलाफ़ अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव

भारत के पक्ष और चीन के खिलाफ़ अमेरिकी सीनेट में प्रस्ताव
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भारत की सीमा में चीन की दखलदाज़ी को लेकर अमेरिका की सीनेट में चीन के खिलाफ एक प्रस्ताव पेश हो गया है। चीन के खिलाफ और भारत के पक्ष में ये महत्वपूर्ण प्रस्ताव ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन के दो सीनियर सीनेटर ने रखा है। भारत सरकार के पक्ष में ये एक बड़ा प्रस्ताव है। अमेरिका की सीनेट में पेश इस प्रस्ताव में कहा गया है कि चीन की आक्रमणकारी नीतियां एशिया पेसेफिक की शांति में बाधक हैं।
अमेरिका की सीनेट में रिपब्लिकन ग्रुप के दो प्रमुख सदस्यों ने ये प्रस्ताव अमेरिका की सीनेट में ये प्रस्ताव पेश किया है। सीनेटर जॉन कॉर्नन और सीनेटर मार्क वार्नर ने ये प्रस्ताव पेश किया है। ये दोनों अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन के चीफ मेजोरिटी विप और सिलेक्ट कमेटी के सदस्य हैं।
दुनिया भर में चीन के भारत की सीमा पर आक्रमणकारी रैवेये को लेकर चीन की निंदा हो रही है। ऐसे में भारत के लिए ये प्रस्ताव काफी महत्वपूर्ण है। चूंकि भारत की आधिकारिक लाइन भी इस मामले में ये ही है कि चीन ने इस पूरे क्षेत्र में आक्रमणकारी नीति अपनाई हुई है।
प्रस्ताव में भारत के चीन के खिलाफ खड़े होने को लेकर भारत की सराहना भी की गई है। प्रस्ताव में कहा गया है कि चीन के खिलाफ भारत के खड़े होने से दक्षिण एशिया में शांति स्थापित होगी। प्रस्ताव में कहा गया है कि चीन के खिलाफ हम भारत के साथ खड़े हैं। सीनेटर वार्नर ने कहा कि 15 जून को गलवान में भारत और चीन के बीच को झड़प हुई और जिसके कारण 20 भारतीय सैनिक मारे गए। उससे चीन के इरादों का पता चलता है। ये एक ख़तरे की घंटी है कि चीन किस तरह से सीमा रेखा को लेकर उकसावे वाली कार्रवाई कर रहा है।
इससे पहले चीन ने भारत के कई इलाकों पर अपने सैनिक भेज दिए थे। इसमें गलवान में भारतीय सैनिकों के साथ खूनी झड़प भी हुई थी। इसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और चीन के सैनिक भी भारी संख्या में मारे गए थे। हालांकि चीन ने अपने सैनिकों की संख्या को अभी तक बताया नहीं है।

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