
नई दिल्ली: एक मनोचिकित्सक, जिसके बारे में कहा गया है कि वह “सुशांत सिंह राजपूत” का इलाज कर रहे थे, उन्होंने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा है कि अभिनेता “गंभीर चिंता, अवसाद और अस्तित्व के संकट” से जूझ रहे थे।
जांच ब्यूरो के सूत्रों ने कहा कि राजपूत की मौत की जांच कर रहे केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अब मनोचिकित्सक के बयान पर गौर कर रहा है। यह बयान मुंबई पुलिस को दिया गया था।
सूत्रों के अनुसार अपने बयान में डॉक्टर ने कहा कि उन्हें कई बार संपर्क किया गया था। पहले राजपूत की प्रबंधक श्रुति मोदी और फिर उनकी प्रेमिका रिया चक्रवर्ती ने “सुशांत का इलाज” कराने के लिए संपर्क किया।
‘इलाज की सख्त जरूरत’
डॉक्टर के बयान के अनुसार, राजपूत को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती भी कराया गया और अन्य दवाओं के साथ क्विडटन, एरीज़ोलम, मेलाटोनिन जैसी नींद की गोलियां दी गईं।
“25 नवंबर 2019 को, श्रुति मोदी ने उन्हें फोन किया और राजपूत के लिए चेकअप के लिए कहा। 27 नवंबर को श्रुति ने फिर से अपॉइंटमेंट मांगा और कहा कि उन्हें ‘इलाज की सख्त जरूरत है’, एक सूत्र ने कहा।
28 नवंबर को सुबह 9 बजे के करीब डॉक्टर राजपूत से मिलने गए
डॉक्टर ने अपने बयान में कहा कि राजपूत ने उन्हें बताया कि उन्हें पर्याप्त नींद नहीं मिल रही है और कोई भूख नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें “अब जीवन में कुछ भी पसंद नहीं है”, और “जीने की इच्छा” नहीं बची है और डॉक्टर के बयान के अनुसार अभिनेता को “हर समय डर” लगा रहता था।
डॉक्टर ने कहा कि अभिनेता “अवसाद और चिंता” से पीड़ित था
बयान के अनुसार, जब डॉक्टर ने राजपूत से पूछा कि क्या उनको आत्महत्या के विचार आते हैं, तो सिंह ने कहा, “नहीं”।
सीबीआई इस मामले की बिहार पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर जांच कर रही है, जिसमें रिया चक्रवर्ती, उसके भाई शोविक और माता-पिता के अलावा अन्य लोगों पर आत्महत्या के लिए कथित रूप से उकसाने और अन्य संदिग्ध अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।
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