
त्योहारों में डिस्काउंट और सेल का दौर अब चला गया, नहीं मिल रहा पहले जैसा शॉपिंग पर डिस्काउंट
15 अगस्त भी बीत गया और अब गणेश चतुर्थी पूजा के दिन भी खत्म होने को आए हैं थोड़े दिनों में नवरात्र शुरू हो जाएंगे लेकिन अभी तक ऑनलाइन और मॉल व बाजारों में डिस्काउंट और सेल का शोर सुनाई नहीं दे रहा है।
अमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन कंपनियों ने राखी और 15 अगस्त से पहले भले सेल पर डिस्काउंट देने की कोशिश की हो लेकिन पहले के मुकाबले यह बहुत कम है।
जूते, कपड़ों और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक अप्लायंस पर भारी-भरकम डिस्काउंट का दौर खत्म हो रहा है. टॉप लाइफस्टाइल और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियां एंड-ऑफ-सीजन सेल में बेहद कम छूट दे रही हैं. यह हाल के सालों में सबसे कम है. कंपनियों को लगता है कि यह ट्रेंड फेस्टिव सीजन में भी बना रह सकता है. यानी इस बार फेस्टिवल सीजन में शॉपिंग पर बहुत ज्यादा डिस्काउंट की अपेक्षा नहीं करें. इसकी मुख्य वजह स्टॉक का कम होना और आपूर्ति के मुकाबले मांग का अधिक तेजी से बढ़ना है।
अपैरल रिटेलर्स के पास सीमित स्टॉक है. मुख्य रूप से यह मार्च से नहीं बिका स्टॉक है. इसी समय से देशभर में लॉकडाउन लगा था. जहां तक स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स फर्मों का सवाल है तो सप्लाई की तुलना में मांग बहुत ज्यादा है. 15 हजार रुपये से कम वाले प्रोडक्टों में यह बात खासतौर से लागू होती है. इससे बड़े डिस्काउंट की गुंजाइश खत्म हो रही है. टीवी जैसी कैटेगरी में पिछले पांच साल में डिस्काउंट का स्तर अपने सबसे निचले स्तर पर है. कंपोनेंट की कमी से प्रोडक्शन और सप्लाई पर असर पड़ रहा है.
पिछले कई महीनों तक ब्रांडों के स्टोर और फैक्ट्रियां बंद रहीं. प्रोडक्शन न होने से उनके पास स्टॉक निकालने की चिंता नहीं है. अमूमन एंड ऑफ सीजन सेल में कंपनियां नहीं बिके स्टॉक को निकालती हैं. लेकिन, इस बार ऐसी स्थिति नहीं है।
ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों की जितनी सालाना बिक्री होती है, उसमें से 40-50 फीसदी योगदान फेस्टिव सीजन का होता है. यह सीजन ओनम से शुरू होकर दिवाली तक चलता है।