
ट्विटर पर बच्ची को लेकर किए गए अश्लील कमेंट्स मामले में बाल आयोग के ट्विटर को समन करने पर ट्विटर ने बाल आयोग से 10 दिन का समय मांग लिया है। शुक्रवार को बाल आयोग के सामने ट्विटर की इस मामले पर पेशी होनी थी। दूसरी ओर इस मामले पर ट्विट करने वाले के नाम रायपुर में एफआईआर हो गई है।
इस बारे में बाल आयोग के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने दईखबर को बताया कि ट्विटर को कल बुलाया गया था। लेकिन उन्होंने 10 दिन का समय मांगा था। जो उन्हें दे दिया है। असल बच्चों के अधिकारों को लेकर इस आयोग को सिविल कोर्ट के अधिकार मिले हुए हैं। अगर कोई भी आयोग के समन का सम्मान नहीं करता तो आयोग जरूरत पड़ने पर धारा-16 का इस्तेमाल करते हुए मामले को संसद और सरकार को रिपोर्ट कर सकता है। इसके अलावा हाईकोर्ट को भी मामला भेजा जा सकता है।
दरअसल, एक वेबसाइट से जुड़े मोहम्मद जुबैर नामक ट्विटर यूजर ने बीते सात अगस्त को एक तस्वीर ट्वीट की थी। जिसमें एक पिता और उसकी नाबालिग बेटी की तस्वीर थी। आरोप है कि तस्वीर के ट्वीट करने के बाद ट्रोलर्स ने नाबालिग लड़की को दुष्कर्म आदि की धमकी दी। जिससे नाबालिग ऑनलाइन हैरेसमेंट का शिकार हुई.
इस मामले में नाबालिग और उसके पिता की ओर से राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में गुहार लगाई गई। इसके बाद 8, 11 और 19 अगस्त को आयोग ने ट्विटर को पत्र लिखकर संबंधित कंटेंट को हटाने का आदेश देते हुए संबंधित ट्विटर यूजर के खिलाफ हुई कार्रवाई के बारे में जानकारी मांगी थी।
25 अगस्त को ट्विटर की ओर से भेजे गए जवाब को आयोग ने संतोषजनक नहीं पाया। जिस पर बीते 26 अगस्त को ट्विटर को समन जारी किया गया था। इसपर ट्विटर ने जहां 10 दिन का समय मांगा है। वहीं दूसरी ओर रायपुर पुलिस ने जिस हैंडल से ट्विट किए गए थे। उसके यूज़र पर आईपीसी की धारा 509, आईटीएक्ट एक्ट की धारा 67 और पोस्को एक्ट की धारा 12 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।