
पांच महीने के बाद माता वैष्णों देवी की यात्रा आज से फिर शुरू होगी। कोरोना महामारी के कारण पिछले पांच महीने से यात्रा बंद थी। हालांकि अभी रोजाना सिर्फ 2000 यात्री ही माता के दर्शन कर पाएंगे। इसमें से भी 1900 जम्मू-कश्मीर के होंगे और बाकी 100 अन्य राज्यों से होंगे। यात्रा के लिए जाने वालों को अपना कोरोना टेस्ट कराके रिपोर्ट साथ रखनी होगी।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीएसबी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने बताया कि पहले सप्ताह में हर रोज अधिकतम दो हजार तीर्थयात्रियों की सीमा तय की गई है। यात्रियों की संख्या बढ़ाने को लेकर बाद में हालात की समीक्षा कर फैसला लिया जाएगा। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद ही लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी। कुमार ने बताया कि यात्रियों के लिए अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। चेहरे पर मास्क और कवर अनिवार्य होगा। यात्रा के प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी।
उन्होंने बताया कि 10 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों और 60 साल से अधिक आयु के लोग यात्रा नहीं कर पाएंगे। जब हालात सामान्य होंगे इसके बाद इन सबको भी यात्रा के लिए अनुमति दी जाएगी। कुमार ने बताया कि कटरा से भवन जाने के लिए बाणगंगा, अर्धकुंवारी और सांझीछत के पारम्परिक मार्गों का इस्तेमाल किया जाएगा। भवन से आने के लिए हिमकोटि मार्ग-ताराकोट मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा।
जम्मू-कश्मीर के बाहर के यात्रियों और केंद्रशासित प्रदेश के रेड जोन वाले जिलों से आने वाले यात्रियों के कोरोना से संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट की हेलीपैड और दर्शनी ड्योढ़ी पर यात्रा प्रवेश बिंदुओं पर जांच की जाएगी। जिन यात्रियों के पास कोविड-19 से संक्रमित नहीं होने संबंधी रिपोर्ट होगी, उन्हें ही भवन की ओर जाने दिया जाएगा। पिट्ठुओं, पालकियों और खच्चरों को शुरुआत में मार्ग पर चलने पर अनुमति नहीं होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए बैटरी चालित वाहनों, रोपवे और हेलीकॉप्टर सेवाओं जैसी सभी पूरक सुविधाओं की व्यवस्था की गई है।