
अगर आपको अपनी सेहत को ठीक रखना है और अपने घर में ऊर्जा (Energy) को भरपूर रखना है तो घर में आ रही सूर्य (Sun) की रोशनी का बहुत ज्य़ादा ध्यान रखना है। वास्तु शास्त्र (Vastu Shastra) में सूर्य को बहुत की खास माना गया है, क्योंकि इस ब्रह्मांड में ऊर्जा का सबसे बड़ा केंद्र सूर्य ही है। दरअसल वास्तुशास्त्र का पूरा सिद्धांत ही सूर्य पर आधारित है। दस दिशाओं के देवताओं में सूर्य ही सेंटर है। वास्तु के मुताबिक जिन घरों में सुबह से शाम तक सूर्य की रोशनी रहती है। ऐसे घर में रहने वाले लोग सुखी रहते हैं। जिस मकान का मेन गेट ठीक पूर्व दिशा में होता है उस घर में पैसा बढ़ता ही रहता है। जिस घर के किचन में सूर्योदय के वक्त सूर्य किरणें आती हैं वहां रहने वाले लोगों की सेहत अच्छी रहती है।
वास्तु के नियम के मुताबिक घर का पूर्व दिशा वाला हिस्सा खुला होना चाहिए। उस हिस्से में आंगन, खिड़कियां, झरोखे और दरवाजे होने चाहिए। इस दिशा में पेड़-पौधे नहीं लगाने चाहिए। इस दिशा में कोई बड़ा निर्माण भी नहीं करवाना चाहिए। जिससे सुबह-सुबह सूर्य की सकारात्मक रोशनी और ऊर्जा घर में बिना रुकावट के आ सके।
वास्तु के मुताबिक कोशिश करनी चाहिए कि घर में सूर्य की रोशनी का उपयोग ज्यादा से ज्यादा हो और कृत्रिम रोशनी कम होनी चाहिए। हालांकि आजकल के घरों में जगह कम होने के कारण सूर्य की रोशनी भी कम होती है। इसलिए लोगों क बीमारियां भी ज्य़ादा हो रही है। ऐसे में जरूरी है कि सूर्य की रोशनी के घर में आने में जितने भी अवरोध हैं। उन्हें हटा दिया जाए। ताकि आपके घर में पर्याप्ता ऊर्जा आ सके।
सूर्य की रोशनी हेल्थ के लिए फायदेमंद होती है। रोजाना सूर्य की रोशनी पड़ने से परिवार के सदस्यों की सेहत बनी रहती है और लोग निरोगी रहते हैं। सूरज की रोशनी तन-मन को हमेशा स्वस्थ रखती है। इससे सकारात्मकता और आत्मविश्वास बढ़ता है। कहते हैं जिस घर पर सूरज की रोशनी नहीं पहुंच पाती है वहां पर लोगों के बीमार रहने की अधिक संभावनाएं होती हैं।
वास्तु के मुताबिक अगर सूर्य की रोशनी कम रहेगी तो इससे घर में कीड़े मकोड़े, वायरस और बैक्टिरिया पैदा होंगे। इसकी वजह से वो आपकी हेल्थ पर बुरा असर डालेंगे। लिहाजा ये जरूरी है कि घर में सूर्य की रोशनी आए।