
हरियाणा मे कोरोना काल व मानसून ने लोगों की रसोई का जायका खराब कर दिया है। दोनों ही मामलों ने सब्जियों के दामों में 35 से 40% की वृद्धि कर दी है। हर सब्जी में डाला जाने वाला टमाटर तो 100 किलो तक पहुंच गया। ऐसे में लोग भी सब्जियां कम ही खरीद रहे हैं। वही आढ़तियों का कहना है कि 2% टैक्स बढ़ना भी परेशानी पेश कर रहा है। रोहतक मंडी में सब्जियों के भाव आसमान को छू रहे हैं। कोरोना काल में भारत सरकार ने हालांकि जरूरत के सामान के लिए यातायात चला रखे थे, लेकिन फिर भी कहीं ना कहीं मंडियों तक सब्जियां पहुंचने में काफी दिक्कत रही है। जिसके चलते सब्जियों के दाम आसमान छू गए। ऐसे में बरसात ने भी सब्जियों के दाम पढ़ने में काफी सहयोग कर दिया। अब स्थिति यह है कि सब्जियों के दाम 35 से 40% तक बढ़ चुके हैं। जिसने कहीं ना कहीं आम लोगों की रसोई का जायका बिगाड़ दिया। क्योंकि सामान्य सब्जियों के दाम भी आसमान को छू रहे हैं। अगर ऐसे में बात करें तो टमाटर जैसी सब्जी जो हर सब्जी का जायका बढ़ाती है, वह भी 80 से ₹100 तक की मिल रही है और आलू का भाव 40 रुपए किलो, बैंगन 40-50 रुपए किलो, मटर 150-200 रुपए किलो, गोभी 100 रुपए किलो, प्याज 30 रुपए किलो, हरा धनिया 300-400 रुपए किलो है। ऐसे में आम आदमी दुकान पर पहुंचकर सब्जी खरीदने के लिए सौ बार सोचता है इस बारे में रोहतक सब्जी मंडी के आढ़तियों का कहना है कि कोरोना काल में सब्जी की सप्लाई कम हुई, यही नहीं फिर बारिश ने सब्जियां खराब कर दी। ऐसे में कोरोना लॉकडाउन के दौरान किसानों ने भी सब्जियों की खेती कुछ कम की है। जिसके चलते यह भाव बढ़े हैं, अगर मार्केट में आपूर्ति पूरी नहीं होगी तो दाम बढ़ने स्वभाविक है। यही नहीं उन्होंने सरकार पर यह भी आरोप लगा दिया कि उनका दो परसेंट टैक्स बढ़ा दिया गया है यह भी कहीं ना कहीं महंगाई के लिए जिम्मेदार है। खरीदार व दुकानदारों का कहना है कि कोरोना के चलते सब्जियों के दामों में काफी बढ़ोतरी हुई है और ऐसे में दामों को देखते हुए लोग सब्जियां कम खरीद रहे हैं। इनका कहना है इस महंगाई ने उनकी कमर तोड़ कर रख दी है