RSS और Modi पर अटैक के लिए कौन-कौन कर रहा है फंडिंग ?

RSS और Modi पर अटैक के लिए कौन-कौन कर रहा है फंडिंग ?
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भाजपा समेत कई दक्षिणपंथी संगठनों का आरोप रहा है कि कुछ तथाकथित बुद्धिजीवी और कॉर्पोरेट शख्सियत मोदी सरकार के खिलाफ देश विरोधी एजेंडा चलाने का काम कर रहे हैं। इन आरोपों को लेकर निशाने पर ऑल्ट न्यूज़ है। ऑल्ट न्यूज़ के संस्थापक प्रतीक सिन्हा है। सिन्हा वामपंथी झुकाव के लिए माने जाते हैं। हालंकि उन्होंने कई न्यूज मीडिया से बातचीत के दौरान इसे सही नहीं माना है। अल्ट न्यूज़ एक गैर-लाभकारी फर्म के रूप में स्थापित किया गया है। उसके मुताबिक जिंदाबाद ट्रस्ट नामक एक संगठन ने ऑल्टन्यूज को एक राशि दान की है।
बिजनेस स्टैंडर्ड अखबार की एक न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक जिंदाबाद ट्रस्ट का प्रबंधन लेखक-कार्यकर्ता अरुंधति रॉय द्वारा किया जाता है। अखबार के मुताबिक रॉय ने कथित रूप से अपने 1997 बुकर पुरस्कार पुरस्कार राशि से इस ट्रस्ट की स्थापना की थी।
एक लिखित जवाब में रॉय ने बिजनेस स्टैंडर्ड को पुष्टि की है कि उसने ऑल्ट न्यूज़ को दान दिया था। अखबार को रॉय ने लिखित रूप में कहा था, “क्योंकि यह तथ्यों को सीधे पेश करने और उसे सही तरीके से समाचार के रूप में सामने लाने करने का एक अद्भुत काम कर रहा है।”

अरुंधति रॉय का ऑल्टन्यूज करता है बचाव

सोशल मीडिया में अरुंधति रॉय की ओर से दिए गए विवादास्पद बयानों का भी ऑल्ट न्यूज़ बचाव करता रहा है। जैसे ऑल्ट न्यूज़ ने 22 जनवरी, 2018 को एक स्टोरी चलाई, जिसमें रॉय के बयान “इस्लामी आतंकवाद वास्तविक समस्या नहीं है। मां और शिक्षक असली आतंकवादी हैं। ” का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा उन्होंने कभी नहीं कहा था।

रिपब्लिक और टाइम्स नाउ की ख़बरों का ज्यादा पोस्टमार्टम

मीडिया रिपोर्ट्स में भी पाया गया है कि साल भर पुराने ऑल्ट न्यूज़ का ज्यादा ध्यान अर्नब गोस्वामी के रिपब्लिक टीवी और टाइम्स ग्रुप्स टाइम्स नाउ जैसे मीडिया संगठनों पर है। रिपब्लिक टीवी के मुंबई स्थित प्रमुख अर्नब गोस्वामी को अरुंधति रॉय की तीखी आलोचना के लिए जाना जाता है।

IPSMF पर भी सवाल

अभी एक साल पहले एक टीवी डिबेट पर पैनलिस्ट के रूप में भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि महिला उद्योगपति किरण मजूमदार शॉ मोदी विरोधी एजेंडे वाले मीडिया एजेंसियों को फंड कर रहे संगठन इंडिपेंडेंट ऐंड पब्लिक स्प्रिटिड मीडिया फाउंडेशन (आईपीएसएमएफ) को पैसा दे रही है।
उस समय शॉ ने मालवीय की टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त की और इस बात से इनकार किया कि उनकी कंपनी आईपीएसएमएफ को फंड करती है।
हालांकि फाउंडेशन के रिकॉर्ड्स का एक खंड यह दर्शाता है कि किरण मजूमदार शॉ प्रमुख दानदाताओं में सूचीबद्ध हैं।
दान करने वालों में शॉ, आमिर खान, अजीम प्रेमजी, पीरामल एंटरप्राइजेज, पिरोजशा गोदरेज फाउंडेशन, रोहिणी नीलेकणि फिलैंथोफिज, रोहिंटो और अनु अग्रवाल फैमिली डिसट्रक्शनरी नं 2 ट्रस्ट, मणिपाल एजुकेशन एंड मेडिकल ग्रुप, साइरस गुज्जर, लाल फैमिली फाउंडेशन, श्री नट परिवार, और Unimed टेक्नोलॉजीज आदि का नाम दिया गया।
IPSMF ने कई मीडिया आउटलेट्स को अनुदान दिया है। इनमें द प्रिंट, द वायर, द कारवां, द न्यूज मिनट, द केन, स्वराज्य, लाइव लॉ.इन, डाउन टू अर्थ, ईपीडब्ल्यू, ऑल्ट न्यूज़, सीजी नेट स्वरा, डूल न्यूज़, ईस्ट मोजो डॉट कॉम, गाँव कनेक्शन शामिल हैं।

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