योगी आदित्यनाथ ने उन्हें फायरब्रांड नेता बनाने वाले हिंदू युवा वाहिनी को पूरी तरह किया खत्म, अब नहीं चलेगा संगठन

योगी आदित्यनाथ ने उन्हें फायरब्रांड नेता बनाने वाले हिंदू युवा वाहिनी को पूरी तरह किया खत्म, अब नहीं चलेगा संगठन
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योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश के साथ ही देशभर में हिंदुत्व के फायरब्रांड नेता के तौर पर स्थापित करने वाले हिंदू युवा वाहिनी को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूरी तरह से बंद कर दिया है। उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने से पहले योगी आदित्यनाथ की कई और पहचानें थीं, इनमें से एक ‘हिंदू युवा वाहिनी’ संगठन भी था और उनके सीएम बनने के बाद यह संगठन पूरी तरह से गायब हो गया है। यानी अब इस संगठन की सभी इकाइयां खत्म हो चुकी हैं, चाहे जिला स्तर पर हो या राज्य स्तर पर, अब हिंदू युवा वाहिनी की कोई इकाई नहीं होगी। योगी आदित्यनाथ ने इस संगठन को भंग करने के निर्देश पहले ही दे दिए थे, लेकिन छिटपुट रूप से इसकी कई इकाइयां काम कर रही थीं, आज से हिंदू युवा वाहिनी जैसा कोई संगठन नहीं होगा, इसे पूरी तरह से खत्म माना जाएगा।

हिंदू युवा वाहिनी वह संगठन है जिसकी नींव खुद योगी आदित्यनाथ ने रखी थी। इसकी शुरुआत करीब 20 साल पहले गोरखपुर में हुई थी। खुद योगी आदित्यनाथ का भी गोरखपुर से गहरा नाता है। वह गोरखपुर मठ के महंत हैं और वहां से सांसद भी चुने गए। योगी आदित्यनाथ का आध्यात्मिकता की दुनिया से राजनीति में प्रवेश गोरखपुर और यहां बनी हिंदू युवा वाहिनी से ही संभव हो पाया था।

हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के लिए तैयार किया गया था संगठन

हिंदू युवा वाहनी खुद को सांस्कृतिक और सामाजिक संगठन बताते हैं। इसकी मूल विचारधारा हिंदुत्व और राष्ट्रवाद है। हिंदू युवा वाहिनी की वेबसाइट के मुताबिक, वह हिंदू समाज के एकीकरण के लिए काम करते हैं। इसके लिए वह समाज में छुआछूत, ऊंच-नीच की भावना को मिटाना चाहते हैं।

योगी को स्थापित करने में निभाई अहम भूमिका

योगी आदित्यनाथ को हिंदुत्व की विचारधारा का फायर ब्रांड लीडर बनाने में हिंदू युवा वाहिनी संगठन की अहम भूमिका रही। इस संगठन की उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल इलाके में काफी मजबूत पकड़ है। वहीं, प्रदेश के कई जिलों में इसकी यूनिट्स हैं, जिनमें से सभी को अब बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पूर्वांचल से सटे बिहार के कुछ इलाकों में भी इस संगठन का गहरा असर देखने को मिल रहा है। योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रदेश में संगठन की भूमिका कुछ कम हो गई और अब उन्होंने खुद इसे खत्म करने का ऐलान किया है।

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Deepak Upadhyay

Deepak Upadhyay, a RedInk awardee, has been into journalism for the past 20 years. He started practicing journalism from Amar Ujala Chandigarh. The founding editor of www.theekhabar.com and www.AyurvedIndian.com has been reporting on government policies for quite a long time.
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